भोपाल गैस त्रासदी के आरोपी शकील कुरैशी को सीबीआई ने नागपुर से गिरफ्तार कर बुधवार को कोर्ट में पेश किया। सीबीआई आरोपी शकील को एंबुलेंस से लेकर कोर्ट परिसर पहुंची। कोर्ट ने सुनवाई के बाद शकील की जमानत अर्जी मंजूर कर दी है। शकील के परिजन ने आरोपी की तबीयत खराब होने का हवाला देकर जमानत की अर्जी लगाई थी। आरोपी की एंबुलेंस को कोर्ट परिसर में खड़ा किया गया और आरोपी को उतारा नहीं गया था।
सीबीआई की तरफ से कोर्ट में आरोपी के बारे में इसकी जानकारी दी गई तो जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र कुमार वर्मा अपने अधीनस्थाें के साथ उठकर नीचे आए और एंबुलेंस में जाकर आरोपी की शिनाख्त की। आरोपी की तरफ से बताया गया है कि उसका स्वास्थ्य खराब है और वह चल फिर नहीं सकता।
4 साल से फरार था आरोपी
आरोपी के वकील ने बताया कि भोपाल गैसकांड के दौरान यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में गैस रिसाव के दौरान शिफ्ट इंचार्ज और ऑपरेटर रहे कुरैशी पर केस चल रहा था और निचली अदालत से सजा हुई थी। इस सजा के खिलाफ जिला कोर्ट में आरोपी ने अपील पेश की थी। कोर्ट की फाइल से पता चला कि 19 फरवरी 2016 से कोर्ट में पेश नहीं हुए। जबकि उनके हालत ऐसे थे ही नहीं कि वह कोर्ट में पेश हो सकें। कोर्ट के आदेश पर सीबीआई भोपाल की टीम ने आरोपी कुरैशी को नागपुर से गिरफ्तार किया है।
कोर्ट ने सीबीआई एसपी को पेश होने के आदेश दिए थे
जिला अदालत ने 4 साल से फरार कुरैशी को हर हाल में पेश करने के निर्देश दिए थे। कोर्ट ने कहा था कि गिरफ्तारी वारंट तामील नहीं होने पर दिल्ली में पदस्थ सीबीआई एसपी खुद कोर्ट में हाजिर हों। इससे पहले सुनवाई के दौरान शकील के परिजन द्वारा सीबीआई को गुमराह करने का मामला सामने आया था। शकील को निचली अदालत से 2 साल जेल की सजा सुनाई गई, जिसके खिलाफ जिला कोर्ट में अपील करके आरोपी 4 साल से हाजिर नहीं हुआ था।
भोपाल गैस हादसे का बड़ा गुनाहगार है शकील कुरैशी
शकील भोपाल गैस हादसे का एक बड़ा गुनाहगार है। गैस हादसे की रात शकील कार्बाइड फैक्ट्री में एमआईसी प्रोडेक्शन यूनिट में ऑपरेटर का काम देख रहा था। 7 जून 2010 को तत्कालीन सीजेएम मोहन प्रकाश तिवारी ने गैस त्रासदी मामले के आरोपी शकील सहित 7 लोगों को 2 साल जेल और एक-एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी। भोपाल और इंदौर में रहने वाला शकील अपने 3 बेटों के साथ रातों-रात गायब हो गया।